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23 दिस॰ 2008

जूतों की नियती

जूतों की नियती

1.
जूतों की नियती है
पैर तले रहना
अच्छे से अच्छा ब्राण्ड भी
पैरों की शोभा तो बढाता है
पर जूते की नियती
नहीं बदल पाता है
कहते हैं जब बाप का जूता
बेटे के पैरों मे आ जाए
तो वो बेटा नहीं रहता
दोस्त बन जाता है
और किसी गुलाम का जूता
अपनी सीमाओं को तोड
मालिक के सर पर पडे
तो वो गुलाम नहीं रहता
इतिहास बन जाता है

2.

अब देखना न्या कानून बनाया जाएगा
भरी महफिल मे नंगे पांव जाया जाएगा
भारत का इतिहास पुराना है
अब जाकर उसको पहिचाना है
भारत मे कितने बडे विद्वान थे
अरे वो तो पहले से ही सावधान थे

जूते अन्दर ले जाने की मनाही थी
पर बात हमने यूँ ही उडाई थी
अब फिर हमारी सभ्यता को अपनाया जाएगा
देखना भरी महफिल में नंगे पांव जाया जाएगा


**********************************

10 टिप्‍पणियां:

daanish ने कहा…

"...aur kisi gulaam ka juta apni simaao ko torh maalik ke sir pr parhe to..."
bahot khoob !
ek jaagruk rachnakaar ki pehchaan hai aapki ye kavita..apne parivesh
ke liye sachet rehna aur samay ke ghatnaa kram ko apni kriti ka hissa bnana, kisi sahityakaar duara arjit safalta ka pramaan hai. Badhaaee svikaarei
---MUFLIS---

हें प्रभु यह तेरापंथ ने कहा…

अब फिर हमारी सभ्यता को अपनाया जाएगा
देखना भरी महफिल में नंगे पांव जाया जाएगा

*****EXCELLENT

हिन्दीवाणी ने कहा…

और किसी गुलाम का जूता
अपनी सीमाओं को तोड
मालिक के सर पर पडे
तो वो गुलाम नहीं रहता
इतिहास बन जाता है

सीमा, बहुत खूबसूरत लाइने हैं। बुश पर फेंका गया जूता तो वाकई अब इतिहास में दर्ज हो गया है। पिछली वाली कविता भी बहुत अच्छी थी लेकिन समयाभाव में टिप्पणी नहीं लिख पाया। अपने ब्लॉग पर भी आज कई दिनों बाद लौटा हूं। शेष फिर।

बेनामी ने कहा…

अच्छा व्यंग्य किया है. साधुवाद

Akanksha Yadav ने कहा…

नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !! नव वर्ष-२००९ की ढेरों मुबारकवाद !!!...नव-वर्ष पर मेरे ब्लॉग "शब्द-शिखर" पर आपका स्वागत है !!!!

vangmyapatrika ने कहा…

कविता बहुत अच्छी .agar time ho to
http://vangmaypatrika.blogspot.com
http://hindivangmay1.blogspot.com

manu ने कहा…

mazaa aa gayaa....
mera khyaal tha ke aap kewal bachchon ke liye hi likhti hain...

very very good.....
and happy new year..

daanish ने कहा…

नव वर्ष २००९
आप सब के लिए
मंगल मय हो ....

---मुफलिस---

shivraj gujar ने कहा…

और किसी गुलाम का जूता
अपनी सीमाओं को तोड
मालिक के सर पर पडे
तो वो गुलाम नहीं रहता
इतिहास बन जाता है
bahut hi sateek. seemaji. naye saal main aapki kalam main or bhi nikhar aaye. isi kamna ke saath aapko naya saal bahut bahut mubarak ho.
mere blog (meridayari.blogspot.com) par bhi kabhi visit karen.

gsbisht ने कहा…

किसी गुलाम का जूता
अपनी सीमाओं को तोड
मालिक के सर पर पडे
तो वो गुलाम नहीं रहता
इतिहास बन जाता है

अब फिर हमारी सभ्यता को अपनाया जाएगा
देखना भरी महफिल में नंगे पांव जाया जाएगा

हम तो बस इतना ही कहेंगे कि, क्या बात है !!!!!!