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19 अप्रैल 2010

. मैं और तन्हाई - भाग ३.

. मैं और तन्हाई - भाग १
. मैं और तन्हाई - भाग 2

मुझे देख अकेला तन्हाई


चोरी से क्यों तू चली आई

नहीं तेरा मेरा साथ कभी

मेरे पास तो होंगे अपने सभी

नही चाहिए मुझे तुमसे साथी

जाओ ढूंढो अपने नाती

नहीं मुझे चाहिए साथ तेरा

मेरे पास तो है घर-बार मेरा

मैं इंसां और तू परछाई

क्यों आई यहां तू तन्हाई

2 टिप्‍पणियां:

kshama ने कहा…

मैं इंसां और तू परछाई

क्यों आई यहां तू तन्हाई
Yah parchhayi pata nahi kab apni parchhayi me mil jati hai..

रानी पात्रिक ने कहा…

बहुत खूब।