पापा तुम क्या हो .....?
कभी-कभी सोचती हूं
कितनी सहनशीलता है तुमने
मैनें किसी भगवान को नहीं देखा
देखा तो सबसे महान को देखा
तुम्हें देख मैं सोच सकती हूं
भगवान कैसा होगा .......?
निश्चय ही तुमसे उन्नीस होगा
तुम्हीं मेरी प्रेरणा ,
तुम्हीं मेरा विश्वास हो
तुम्हीं मन की शक्ति ,
तुम्हीं एकमात्र आस हो ।
तुम्हीं निराशा में आशा का संचार हो
पापा तुम सच में खुशियों का संसार हो
भूल जाती हूं मैं हर गम
तुम्हारा प्यार पाकर
हर पीडा पी जाती हूं
तुम्हारा दुलार पाकर
दूर होकर भी तुम कितने पास
क्या मैं हूं इतनी खास
बिन बताए मेरा दर्द समझ जाते हो
तुम कैसे मेरे अंदर
गहराई में घुस जाते हो ?
सोचती हूं पापा
जो हर कोई तुम सा होता
तो कभी दुनिया में
फ़िर कोई जुल्म न होता
पापा तुम इतने सच्चे क्यों हो ?
इस बेईमान दुनिया में
इतने अच्छे क्यों हो ?
तुम कभी अपने लिए
क्यों नहीं जीते हो ?
क्यों मेरे हिस्से के
गम भी तुम्हीं पीते हो ?
मुझे गर्व है
जो मेरे पापा हो तुम
हालात की ठोकरों के
दिए जख्मों पर मरहम हो तुम
तुम ब्रह्मा , विष्णु महेश हो
पापा तुम सबसे विशेष हो
तुम विशाल आकाश हो
अंधेरे जीवन में प्रकाश हो
तुम्हीं मेरा आत्म-विश्वास हो
तन्हाई में भी तुम हर पल पास हो ।
पापा यूं ही रखना हमेशा
मेरे सर पर हाथ
मुझे चाहिए हर पल
तुम्हारा प्यारा साथ
मुझे हर पल चाहिए
तुम्हारा प्यारा साथ ।
मुहावरे ढूँढो :
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मुहावरे ढूँढो :
चेहरे की हवाइयाँ उड़ गईं, देख लिया जब शेर ,
भीगी बिल्ली बना बहादुर , भागा लाई न देर |
पास हुआ तो फूला नहीं , समाया पप्पू राम |
घर बसाकर समझ ...
2 वर्ष पहले