लादेन
अगर तुम ज़िंदा होते
तो आज आतंकवाद के आंसू
यूं ही जार-जार न रोते
न आतंकी
तुम्हारी समाधि का
सिन्धु की अपार गहराई में
डुबकी लगाकर ठिकाना ढूँढते
तुम्हारे कितने
दत्तक पुत्र तरस गए हैं
तुम्हारी एक ही झलक पाने को
क्या मुंह दिखाएँ जमाने को……?
vo दत्तक पुत्र
जिनको तुमने पाला पोसा
आतंकवाद की छाँव में
बाँध दी बेड़ियाँ जेहाद की पाँव में
जिनको तुमनें
औलाद सम दिया संरक्षण
बदले और नफ़रत की आग में
फूट पड़े उनके अश्रु तेरे विराग में
लादेन
तुम्हीं तो थे उनका सहारा
क्यों कर गए तुम उनसे किनारा
भरी दुनिया में क्यों बनाया उन्हें बेचारा
तुमनें अपनी
आख़िरी झलक तक न दिखाई
रात के स्याह अँधेरे में गुपचुप
ले ली क्यों अंतिम विदाई ….?
तुम्हारी
एक झलक को
पूरी दुनिया तरसती थी
तुम्हारी जान इतनी तो न सस्ती थी
तुमने जीवन भर
अनगिनत जुल्म किए
जाते-जाते एक भला कर जाते
मरना ही था तो
किसी को अरबपति बना
आराम से मर जाते
हाय रे लादेन
तुम क्यों न आए मेरे सामने ?
देखे थे मैनें भी कितने सपने
कि कभी हमारी मुलाक़ात हो जाएगी
फिर मुझ पर इनामों की बरसात हो जाएगी
मेरा दुनिया में नाम हो जाएगा
तुम्हारा तो कल्याण हो ही जाएगा
लादेन तुम सच में मुझे मिल जाते
तो तुम्हारा क्या बिगड़ जाता ?
हाँ मेरा अवश्य भला हो जाता
यह मेरा ही नहीं
जन-जन का ख़्वाब था
पर न जाने क्यों
सबका ही भाग्य खराब था
किसी की भी किस्मत नें साथ न निभाया
जब एक सुबह अचानक
तुम्हारी मौत का संदेशा आया
हम अपनी किस्मत को
कोसते ही रह गए
और तुम समंदर में समा गए
क्यों दे गए तुम धोखा ?
अपने चाहने वालो को
क्या करें तुम्हारे अपने
गोली बारूद के निवालों को ?
काश ! तुम ज़िंदा काबू जाते
तो शायद नफ़रत की आग
कभी न कभी तो बुझ जाती
तुम्हें देख तुम्हारे शिष्यों को
शायद कोइ शिक्षा मिल जाती
तुम्हारे साथ
न जाने कितने ही राज़
दफ़न हो गए तुम्हारे सीने में
जिनकी बदबू फ़ैली थी
आजीवन बहे तुम्हारे पसीने में
तुम ज़िंदा होते
तो शायद राज़ राज़ न रहते
तुम्हारी असमय म्रित्यु पर
स्वाल पे स्वाल न उठते
ऐसे स्वाल जिन पर
स्वाल तो उठते हैं
पर कोई जवाब नहीं आता
क्या था
तुम्हारा और नफ़रत का नाता
जिसकी आग में तुम
आजीवन जलते रहे
दूसरों को मारा
स्व्यं तिल तिल मरते रहे
काश ! तुम कभी उस आग से
बाहर निकल आते
तो दुनिया को खूबसूरत पाते
प्यार से रहते प्यार सिखाते
तुम मर नहीं अमर हो जाते
काश! लादेन तुम जिन्दा पकडे जाते…..
…………………………..
…………………………..?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें