कौन सी है परिभाषा ....?
आम आदमी की
या फिर
कौन सी दी जाए सँज्ञा
आम आदमी को
....................................
....................................
बीडी के
लम्बे-लम्बे कश खीँचता
रिक्शा चलाता
बोझा ढोता
बैलोँ को हाँकता
बीँच चौराहे भीख माँगता
बच्चोँ को खेल दिखाता
साइकिल चलाता
पेट की आग
बुझाने की खातिर
जीवन को
आग मे झोँकता
या फिर
ए.सी. गाडी मे
मजे से बैठ दुनिया ताकता
होटल के बन्द कमरे मे
गुलच्छरे उडाता
बीयर बार मे
रँग-रलियाँ मनाता
डेटिन्ग पर जाता
बीच पर बैठ
अर्ध-नग्न सुन्दरियाँ ताकता
या फिर
सुबह सवेरे ऑफिस को जाता
घर परिवार समाज ऑफिस की
जिम्मेदारियाँ निभाता
बॉस की झिडकी खाता
नीचे वालो को दोषी ठहराता
जूतो को घिसा कर चलता
या फिर............
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कौन है आम आदमी .......?
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आम आदमी की
या फिर
कौन सी दी जाए सँज्ञा
आम आदमी को
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बीडी के
लम्बे-लम्बे कश खीँचता
रिक्शा चलाता
बोझा ढोता
बैलोँ को हाँकता
बीँच चौराहे भीख माँगता
बच्चोँ को खेल दिखाता
साइकिल चलाता
पेट की आग
बुझाने की खातिर
जीवन को
आग मे झोँकता
या फिर
ए.सी. गाडी मे
मजे से बैठ दुनिया ताकता
होटल के बन्द कमरे मे
गुलच्छरे उडाता
बीयर बार मे
रँग-रलियाँ मनाता
डेटिन्ग पर जाता
बीच पर बैठ
अर्ध-नग्न सुन्दरियाँ ताकता
या फिर
सुबह सवेरे ऑफिस को जाता
घर परिवार समाज ऑफिस की
जिम्मेदारियाँ निभाता
बॉस की झिडकी खाता
नीचे वालो को दोषी ठहराता
जूतो को घिसा कर चलता
या फिर............
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कौन है आम आदमी .......?
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1 टिप्पणी:
बीडी खींचने वाला परिभाषित नही है
गुलछर्रे उडाने वाला सुभाषित नही है
सही माइनों में जिम्मेदारी निभाने वाला उत्साहित नही है
फ़िर भी समाज के लिए सोचने वाला हतोत्साहित नही है
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