कोरोना सच में है वायरस
या ये कोई घोटाला है |
कि मुँह खोले खड़े विध्वंस
के मुँह का निवाला है |
कि लगती चाल है कोई ,
कहीं पे कुछ तो काला है |
कि दुनिया बँध के रह जाए,
कहीं तो इसका ताला है |
कि दुनिया चाँद पे पहुँची ,
न क्यों वायरस संभाला है ?
कि मन में ये बैठा के डर ,
कि अब तू मरने वाला है ,
कि नींदें रात की छीनी ,
औ छीना दिन उजाला है |
कि भय ऐसा बैठाया है ,
कि ज़िंदा मार डाला है |
अरे फट जाएगी इक दिन ,
जो मुख में भरी ज्वाला है |
चिंगारी एक चमकी है तो ,
लपटें भी जलाएगी |
की अंतर्मन की गर्मी से ,
कोरोना को रुलाएगी |
सीमा सचदेव
या ये कोई घोटाला है |
कि मुँह खोले खड़े विध्वंस
के मुँह का निवाला है |
कि लगती चाल है कोई ,
कहीं पे कुछ तो काला है |
कि दुनिया बँध के रह जाए,
कहीं तो इसका ताला है |
कि दुनिया चाँद पे पहुँची ,
न क्यों वायरस संभाला है ?
कि मन में ये बैठा के डर ,
कि अब तू मरने वाला है ,
कि नींदें रात की छीनी ,
औ छीना दिन उजाला है |
कि भय ऐसा बैठाया है ,
कि ज़िंदा मार डाला है |
अरे फट जाएगी इक दिन ,
जो मुख में भरी ज्वाला है |
चिंगारी एक चमकी है तो ,
लपटें भी जलाएगी |
की अंतर्मन की गर्मी से ,
कोरोना को रुलाएगी |
सीमा सचदेव
5 टिप्पणियां:
सुन्दर और सामयिक रचना।
उम्दा लिखावट ऐसी लाइने बहुत कम पढने के लिए मिलती है धन्यवाद् Aadharseloan (आप सभी के लिए बेहतरीन आर्टिकल संग्रह जिसकी मदद से ले सकते है आप घर बैठे लोन) Aadharseloan
Bahut - Bahut aabhaar Dr Roopchandar Shastri ji . Bahut varshon baad aapki pratikriyaa dekhakar atyant harsh huaa . Asha hai aap sparivaar svasth aur surkshit hain . Warm Regards...Seema
AadharSeloan aapki pratikriyaa ke lie hardik dhanyavaad . Regards... Seema
कोरोना सच में है वायरस
या ये कोई घोटाला है |
कि मुँह खोले खड़े विध्वंस
के मुँह का निवाला है |
कि लगती चाल है कोई ,
कहीं पे कुछ तो काला है |
बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने ! इसके लिए आपका दिल से धन्यवाद। Visit Our Blog
एक टिप्पणी भेजें